Hello and welcome to Everything is good Blog.
Today we are going to know about The secret of this temple of Ujjain is related to Mangal Dev!
मंगल देव से जुड़ा है उज्जैन के इस मंदिर का रहस्य!
उज्जैन में ही मंगल देव की उत्पत्ति हुई थी और मंगलनाथ मंदिर ही वही स्थान है जहां इनका जन्म स्थान है जिस कारण से यह मंदिर दैवीय गुणों से युक्त माना जाता है। स्कंद पुराण के अवंतिका खंड के अनुसार शिव जी ने अंधकासुर नामक दैत्य को वरदान दिया था कि उसके रक्त से सैकड़ों दैत्य जन्म लेंगे।
भगवान शंकर से यह वरदान पाने के बाद इस दैत्य ने अवंतिका में तबाही मचा दी। तब देवताओं ने शिव जी से प्रार्थना की।
इनके कष्टों को दूर करने के लिए स्वयं शिव शंभु ने अंधकासुर से युद्ध किया। दोनों के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिस दौरान महादेव का पसीना बहने लगा। भगवान रुद्र के पसीने की बूंद की गर्मी से उज्जैन की धरती फटकर दो भागों में विभक्त हो गई। जिससे मंगल ग्रह का जन्म हुआ। कथाओं के अनुसार शिव जी ने दैत्य का संहार किया और उसकी रक्त की बूंदों को नव उत्पन्न मंगल ग्रह ने अपने अंदर समा लिया। ऐसा कहा जाता है कि यही कारण है मंगल की धरती लाल रंग की है।
मंगल की उपासना
मान्यता है कि यहां पूजा करने वाले जातक को मंगल-दोष से अति शीघ्र छुटकारा मिलता है। बताया जाता है कुछ मान्यताओं के अनुसार मंगल देव को भगवान शिव और पृथ्वी का पुत्र भी कहा कहा गया है। जिसके चलते मंदिर में मंगल की उपासना शिव रूप में भी की जाती है।
Follow the page to stay connected with us, thank you.